अथ गुरुमन्त्रः
Ath Guru Mantra
ॐ गुरुजी ! ओं सोऽहं अलियं कलियं तारा त्रिपुरा तोतला |
काहे हाथ पुस्तक ? काहे हाथ माला ?
बायें हाथ पुस्तक दायें हाथ माला |
जपो तपो श्रीसुन्दरी बाला |
रक्षा करै गुरुगोरक्षनाथ बाला |
जीव पिण्डका तूं रखवाला |
नाथजी गुरुजी आदेश आदेश ||
श्रीगुरुमन्त्रका माहात्म्य
Shree Guru Mantra Kaa Maahaatmya
ॐ गुरुजी ! ओं सोऽहं अलियं कलियं श्रीसुन्दरी बाला |
कौन जपन्ते ओं ? कौन जपन्ते सोऽहं ? कौन जपन्ते अलियं ? कौन जपन्ते कलियं ? कौन जपन्ते सुन्दरी ? कौन जपन्ते बाला ?
ओं जपन्ते निरन्जन निराकार अवगत सरुपी | सोऽहं जपन्ते माई पारवती महादेव ध्यान सरुपी | अलियं जपन्ते ब्रह्मा सरस्वती वेद सरुपी | कलियं जपन्ते धरतीमाता अन्नपूर्णेश्वरि | बाला जपन्ते श्रीशम्भुयति गुरुगोरक्षनाथ शिव सरुपी |
आ ओ सुन्दर आलं पूछे देह कौन कौक योगेश्वरा ? कौन कौन नगेश्वरा ? धाव धाव ईश्वरी ! धाव धाव महेश्वरी ! बायें हाथ पुस्तक | दाहिने हाथ माला | जपो तपो श्रीसुन्दरी गुरुगोरक्ष बाला |इतना बाला बीजमन्त्र सम्पूर्ण भया अनन्तकोटि सिद्धों में बैठकर श्रीशम्भुयति गुरु गोरक्षनाथजी ने नौनाथ चौरासी सिद्धों को पढ़ कथकर सुनाया सिद्धों ! गुरुपीरो ! आदेश आदेश ||
श्रीगुरुमन्त्रका द्वितीय माहात्म्य
Shree Guru Mantra Kaa Dvitiya Maahaatmya
ॐ गुरुजी ! पवनपर्वत ऊर्ध्वमुख कुआ सतगुरु आये निरंकार ब्रह्मा आये देखा कौन हाथ पुस्तक ? कौन हाथ माला ? बायें हाथ पुस्तक दाहिने हाथ माला जपो तपो शिवं सोऽहं सुन्दरी बाला | बाला जपे सो बाला होवे | बूढा जपे सो बाला होवे | योगी जपे सो निरोगी होय जपो जपन्त कटन्त पाप | अन्त बेले माई न बाप | गुरु संभालो आपो आप | इतना गुरुमन्त्र सम्पूर्णम् ||